तिरंगा
तीन रंग से है सजा,अपना राष्ट्र निशान।
केसरिया सफेद हरा,है इसकी पहचान।।
केसरिया मस्तक सजा,अध्य हरा का रंग।
श्वेत हृदय के मध्य में,अशोक चक्र के संग।।
केसरिया बलिदान का,सत्य शांति का श्वेत।
हरा चिन्ह है प्रगति का,उन्नत उर्वर खेत।।
धर्म चक्र निरंतर चले,कहे ज्ञान की बात।
सत्य अहिंसा मार्ग पर,चलो सतत् दिन रात।।
राष्ट्र तिरंगा देश का,आन-बान-सम्मान।
बोले वन्देमातरम,अपना सीना तान।।
दिव्य तिरंगा देखकर,जुड़े हमेशा हाथ।
जन गण मन के गान पर,उठे गर्व से माथ।।
पहुँचा मंगल चाँद पर,राष्ट्र तिरंगा आज।
घूम रहा ब्रह्मांड में, भारत का सरताज।।
विश्व पटल पर झूमना,लिए तिरंगा हाथ।
लहर लहर लहरा लहर,नील गगन के साथ।।
वीर शहीदों का कफन,मान और सम्मान।
लिपट तिरंगा में गया,अमिट रहे बलिदान।।
देश प्रेम रग-रग भरें,राष्ट्र तिरंगा थाम।
मातृभूमि शत- शत नमन,श्रद्धामयी प्रणाम।।
-लक्ष्मी सिंह