तिरंगा
शत शत नमन हे ध्वज तिरंगे, किया जो स्वतंत्रनाद घोष।
मना रहें हम सब आज़ादी, सहर्ष उल्लास,असीम जोश।
दे कुर्बानी भगत,सतगुरु सुभाष बोस ने किया स्वतंत्र उद्घोष।
लहरा स्वच्छंद उन्मुक्त तिरंगा गगन में,पाया आत्मसंतोष।
अग्निगाथा है तुम्हारी सब देशभग्तों की वीरता हुंकारी।
शिव तांडव सा नृत्य करती,युद्ध नाद गांडीव टंकारी।
जय विजय की ऊर्जस्वित ऊष्मा से सभी शत्रु संहारी।
रणभेरी फूंक शूरवीरों ने,शत्रूओं पर फेरी थी बुहारी।
नीलम शर्मा