तिरंगा ??
ये जो तिरंगा है
बड़ा ये सतरंगा है ,
दिखता है ये तीन रंग में
लेकिन है ये हर रंग में ,
प्यार के रंग से देखो तो
रंग जाता है इस रंग में ,
अगर जो देखा नफरत से तो
मिटा देता उसको जंग में ,
एक रंग जादू का इसमें
वश में हैं ना जाने कितने ,
बहता रंगों के झरने में
रमता एक – एक के मन में ,
सात सुर हैं तीन रंग में
बजता है दिल के मृदंग में ,
केसरीया रंग निस्वार्थ त्याग का
श्वेत रंग शान्ति और ज्ञान का ,
हरा हमारी समृद्धि दिखता
तो चक्र हमें चौकन्ना रखता ,
शान से इसके लहराने से
गर्व से इसको फहराने से ,
हर एक हिंदुस्तानी तनता है
इसी तिरंगे से देखो तो
हमारा हिंदुस्तान बनता है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 03/01/19 )