तिरंगा मेरे देश का
*** तिरंगा मेरे देश का (दोहावली) ****
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तिरंगा मिरे देश का,आन – बान है शान।
तीन रंग से है बना,मध्य अशोक निशान।।
घर – घर की मंडेर पर,बढ़ाता रहे मान।
लहर- लहर लहरा उठे,लहरे गति समान।।
आज़ादी है कीमती,दिए बहुत बलिदान।
थे लाल-बाल-पाल ने,वार दिए निज प्राण।
लाल लहू से था सना,आज़ादी का काज।
रग – रग रक्तक खोलता,कंधे बैठा बाज।।
पल मनसीरत आ गए,वक्त बड़ा अनमोल।
ध्वजारोहण हक मिला,खून बराबर तोल।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)