Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2019 · 1 min read

तिरंगा खड़ा था

लहू गिरे थे जब वर्षावसान में
तिरंगा खड़ा था तब शमशान में

देश हित सोच रखें देशभक्त हैं वो और युद्ध?
तब मानसिक संतुलन बिगड़ना है इंसान में

ये देश वीर भक्तों से ही तो बना है
तब तिरंगा कफ़न चढ़ता हे सम्मान मे

वो जवान खड़ा है चौबीस तिल्लियां समेटे
तब ध्वज लहराती भारत माता राष्ट्रगान में

‘राव’दो क्षण उतिष्ठ: हो सम्मान मे उस शमशान में
जन गण मन अधिनायक जय है जब वर्धमान में।

2 Likes · 390 Views

You may also like these posts

एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू
हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू
Aman Sinha
राम की रीत निभालो तो फिर दिवाली है।
राम की रीत निभालो तो फिर दिवाली है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
बार -बार दिल हुस्न की ,
बार -बार दिल हुस्न की ,
sushil sarna
जीवन का जाप
जीवन का जाप
Madhuri mahakash
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर की ग़ज़लें
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर की ग़ज़लें
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
मासी मम्मा
मासी मम्मा
Shakuntla Shaku
अंतरिक्ष के चले सितारे
अंतरिक्ष के चले सितारे
डॉ. दीपक बवेजा
'आरक्षितयुग'
'आरक्षितयुग'
पंकज कुमार कर्ण
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा
श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सपने..............
सपने..............
पूर्वार्थ
हो जाता हर अश्क का, किस्सा तुरत बयान !
हो जाता हर अश्क का, किस्सा तुरत बयान !
RAMESH SHARMA
" प्रेमगाथा "
Dr. Kishan tandon kranti
45...Ramal musaddas maKHbuun
45...Ramal musaddas maKHbuun
sushil yadav
नफ़रतों को न तुम हवा देना।
नफ़रतों को न तुम हवा देना।
Dr fauzia Naseem shad
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
ये जो अशिक्षा है, अज्ञानता है,
TAMANNA BILASPURI
जो गुजर गया
जो गुजर गया
ruby kumari
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
मां तौ मां हैं 💓
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बुद्धि
बुद्धि
Vishnu Prasad 'panchotiya'
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मां की ममता
मां की ममता
Shutisha Rajput
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
Dr Manju Saini
यूँ तो कोई ग़म नहीं
यूँ तो कोई ग़म नहीं
हिमांशु Kulshrestha
- बिखरते सपने -
- बिखरते सपने -
bharat gehlot
हाशिए पर ज़िंदगी
हाशिए पर ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
मुक्तक,,,,,,
मुक्तक,,,,,,
Neelofar Khan
Loading...