Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2024 · 1 min read

तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है

तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है
नहीं निशा यह जाने वाली,इसकी कोई भोर नहीं है
पता पूर्व से जो यह होता,क्यों जागा?रह जाता सोता।।
सरसों के फूलों-सा हँसता,मधुर कि जैसे कोकिल का स्वर
राजकमल-सा शुभ्र अनाविल,बचपन भी जायेगा तज कर
पता कहीं जो मुझको होता,फूट-फूट क्यों इतना रोता।।
जिसकी छाया में कटता था,चैन-भरे जीवन का पल-पल
उठ जायेगा सिर से इक दिन,सहसा वह करुणा का आँचल
पता पूर्व से मुझको होता,तो इतना धीरज ना खोता।।
जीवन के उपवन की सींची,हृदय-रक्त से क्यारी-क्यारी
फूलों के खिलने के पहले,लो, आई जाने की बारी
पता कहीं जो पहले होता,विटप-लता काहे को बोता।।

182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल
मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल
Sanjay ' शून्य'
***नयनों की मार से बचा दे जरा***
***नयनों की मार से बचा दे जरा***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" लोग "
Dr. Kishan tandon kranti
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जगतजननी माँ दुर्गा
जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
तुम जिंदा हो इसका प्रमाड़ दर्द है l
तुम जिंदा हो इसका प्रमाड़ दर्द है l
Ranjeet kumar patre
*किस्मत में यार नहीं होता*
*किस्मत में यार नहीं होता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
समाज और सोच
समाज और सोच
Adha Deshwal
😊अनुरोध😊
😊अनुरोध😊
*प्रणय प्रभात*
सतयुग में राक्षक होते ते दूसरे लोक में होते थे और उनका नाम ब
सतयुग में राक्षक होते ते दूसरे लोक में होते थे और उनका नाम ब
पूर्वार्थ
रामचरितमानस और गीता गाएंगे
रामचरितमानस और गीता गाएंगे
राधेश्याम "रागी"
शिव
शिव
Vandana Namdev
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
Ajit Kumar "Karn"
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
वीर बालिका
वीर बालिका
लक्ष्मी सिंह
गुरु से बडा ना कोय🙏
गुरु से बडा ना कोय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*नजर के चश्मे के साथ ऑंखों का गठबंधन (हास्य व्यंग्य)*
*नजर के चश्मे के साथ ऑंखों का गठबंधन (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
3114.*पूर्णिका*
3114.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
रोला छंद. . .
रोला छंद. . .
sushil sarna
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
ज़ख़्म ही देकर जाते हो।
Taj Mohammad
ग़ज़ल _ आराधना करूं मैं या मैं करूं इबादत।
ग़ज़ल _ आराधना करूं मैं या मैं करूं इबादत।
Neelofar Khan
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
Rj Anand Prajapati
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
Loading...