तिनके को डूबते का सहारा है।
** डूबते को तिनके का सहारा है **
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डूबते को तिनके का सहारा है,
आखिरी पल पर मिलता किनारा है।
भागता वो आता आ रहा अब भी,
जो सदा ही बरसों से हमारा है।
आज भी आंखों में घूमती सूरत,
वो शख़्स तो आँखों का दुलारा है।
आज भी हाजिर हैं हम सनम मेरे,
आपके बिन तो हम बेसहारा है।
यार मनसीरत है बांवरा आशिक,
हर पहर तेरे आँचल गुजारा है।
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सुखविंदर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)