तितली
तितली रानी तू कितनी प्यारी,
तितली रानी तू कितनी प्यारी,
डोल रही देख तुझे,
मेरे फूलों की क्यारी।
मेरी बगिया में तू आती,
मन को मेरे अत्यंत भाती।
सुबह होने का तू संदेशा लाती,
तेरे रंगों से मैं सपने सजाती।
रंग-बिरंगी अद्भुत पंखुड़ियाँ,
उनपर बनी असंख्य अँखियाँ।
सारा दिन तू उड़ती रहती,
फूलों से रस पीती रहती।
ना कुछ कहती ना कुछ सुनती,
बस अपनी ही धुन में रहती ।
डाल-डाल पर डोल-डोल कर,
नाच रही सुंदर अपने पंख खोलकर।
झट से उड़ जाती जाने क्या,
कानों में फूलों के बोलकर।
अ प्यारी तितली फूलों से कहना,
ख़ुशबू से जीवन महकाते रहना ।
हो आँधी-तूफ़ान,बरसात का महीना,
नहीं भूलती तुम बगिया में आना।
यूँ ही बगिया में आती-जाती रहना,
जीवन में उड़ने की शिक्षा देती रहना,
जीवन में उड़ने की शिक्षा देती रहना ।
इंदु नांदल , विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित ✍️