तितली
तितली ___
रोज सवेरे बागीचे में
फूलों पर मंडराए तितली
इंद्रधनुषी पंखों वाली
सबके मन को भाए तितली
लगती कोई राजकुमारी
या परीलोक से आई तितली
फूल फूल से रंग चुराकर
मानो, पंखों को रंग लेती तितली
रंग बिरंगे पंख तुम्हारे
फूलों का रस पी जाती तितली
जब भी इसको पकड़ने जाओ
झट से ये उड़ जाती तितली
है बहुत नाजुक सी फिर भी
सब को नाच नचाती तितली
__ मनु वाशिष्ठ