तितली तेरे पंख
रंग-बिरंगे तितली के पंख,
रस की आस प्यासी भटकन,
सुखी होता है जिससे जीवन,
पाती लिख दी नाम तुम्हारे।
सीमा रेखा छूने को
नित नए-नए सपने सजाती,
उठती गिरती और मरती जाती,
पर मोह न आकाश का तजती,
जीवन की शाम बस नाम तुम्हारे।
मन की पुस्तक के पृष्ठों पर,
अंकित करते हैं तितली के पंख,
इंद्रधनुष की शोभा न्यारी,
लगते हैं जो शिल्पी के घर,
नयनों के दर्पण में,
चित्र बनते बस नाम तुम्हारे।
कूल और धाराओं में
बनते ज्वार के घर
प्राण हमारे थके अकेले
‘अंजुम’ सागर की मोती सीपी
बस करता हूं नाम तुम्हारे
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
मोहल्ला-जाब्तागंज, नजीबाबाद, बिजनौर, यूपी
मोबाइल नंबर 9152859828