तितली आई
तितली आई तितली आई
घर आंगन मेरे तितली आई
रंग बिरंगी पंखों वाली
फर फर फर फर उड़ने वाली
घर पर मेरे तितली आई
घूम घूम के हर फूलों पर
सुगंध है क्या उसने फैलाई
तितली आई तितली आई
घर आंगन मेरे तितली आई
बैठ फूलों के सुनहरे पंखों
प्यार की गीत सुनाती है
झुपके से जब पकड़ने जाता
फुर्र कर वो उड़ जाती है
तितली आई तितली आई
आंगन मेरे तितली आई
संजय कुमार✍️✍️