*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*
तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)
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तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया
दादा-पोती की सब माया
दादाजी बन जाते घोड़ा
पोती बरसाती है कोड़ा
कहती बाबा मुझे घुमाओ
ऑंगन का चक्कर लगवाओ
बाबा को भाती है पोती
बाबा की है हीरा-मोती
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451