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20 Feb 2024 · 1 min read

*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*

तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)
_____________________________
तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया
दादा-पोती की सब माया

दादाजी बन जाते घोड़ा
पोती बरसाती है कोड़ा

कहती बाबा मुझे घुमाओ
ऑंगन का चक्कर लगवाओ

बाबा को भाती है पोती
बाबा की है हीरा-मोती
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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