Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2023 · 2 min read

ताशकंद वाली घटना।

नमस्कार साथियों,
मैने आज एक काव्य कृति लिखने का प्रयास किया है जो की शास्त्री जी और होमी जहांगीर भाभा जी की रहस्यमयी तरीके से हुई मृत्यु से संबंधित है। कहीं न कहीं कुछ राजनीतियों की गलतियां रहीं होगी मेरा यह मानना है।
साथ ही मेरा मानना है जो शास्त्री जी और भाभा जी का व्यक्तित्व था उससे हमें ठीक तरीके से अवगत नहीं कराया गया इसलिए वास्तविकता में कहीं न कहीं शास्त्री जी को जो सम्मान जो आदर जो पहचान मिलनी चाहिए थी वो कहीं न कहीं पूर्ण रूप से उनको नहीं मिल सकी।
मैं कविता आपके समक्ष रखता हूं कृपया त्रुटि जांचकर अवगत अवश्य कराएं।

एक बार सोए जख्म फिर कुरेद लीजिए,
सत्ताओं की गलतियों के पर्दा खोल दीजिए।
ताशकंद वाली घटना को याद कीजिए,
उगता सूरज सोया क्यों ये सवाल कीजिए।।
मैं सवाल पूछता हूं अब जवाब दीजिए,
क्यों पड़ा शरीर नीला ये तो बता दीजिए।
न मिले जवाब तो फिर मुट्ठी भींच लीजिए,
सत्ताओं के मुंह पे दो तमाचे खींच दीजिए।।
सत्ताओं को आज गुनाहगार होना चाहिए,
कुर्सियों पर बैठकर शर्मिंदा होना चाहिए।
जिनकी वजह से दोषी खुले घूमते रहे,
उन राष्ट्र द्रोही कोमो से भी सत्ता छीन लीजिए।।
मैं सवाल पूंछने की हिम्मत दोहराता हूं,
सत्ता वालो सुनो कान खोलकर सुनाता हूं।
दस साल बाद क्यों समाजवाद आ गया?
लोकतंत्र वाला देश घाव नया खा गया।
KGB का कारनामा रंग नया ला गया,
संविधान में समाजवाद शब्द आ गया।।
मेरा भारत फिर से छलावे में छला गया,
अगला नाम होमी जहांगीर जी का आ गया।
पूंछता हूं देश के विज्ञान से पता लगाए,
है कोई जो भाभा जी की मौत का सुराग लाए।
जय जवान जय किसान बोल एक सो गया,
दूजा नाम जय विज्ञान बोलकर सो गया।
अंधी राजनीति कुर्सी तोड़कर सो गयी,
देश के भविष्य की चौपाल बंद हो गयी।
राजनीति अपना गंदा खेल खेलती रही,
दोनो मौत फाइलों के नीचे ही दबी रहीं।।

लेखक/कवि
अभिषेक सोनी
ललितपुर (उ0प्र0)

Language: Hindi
1 Like · 199 Views

You may also like these posts

तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
कवि रमेशराज
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत-शत नमन।।
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत-शत नमन।।
अनुराग दीक्षित
உனக்கு என்னை
உனக்கு என்னை
Otteri Selvakumar
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
79kingpress
79kingpress
79kingpress
मशहूर कवि शंकरलाल द्विवेदी
मशहूर कवि शंकरलाल द्विवेदी
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
वेदना वेदना की
वेदना वेदना की
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*होली*
*होली*
Dr. Vaishali Verma
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नृत्य से बड़ा कोई योग नही।
नृत्य से बड़ा कोई योग नही।
Rj Anand Prajapati
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
क्यों नहीं लोग.....
क्यों नहीं लोग.....
Ajit Kumar "Karn"
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है
पूर्वार्थ
आपकी मेहरबानी है।
आपकी मेहरबानी है।
Jyoti Roshni
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
Ranjeet kumar patre
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
डॉ. दीपक बवेजा
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बात बनती हो जहाँ,  बात बनाए रखिए ।
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
Rajesh Tiwari
59...
59...
sushil yadav
" हल "
Dr. Kishan tandon kranti
* प्यार का जश्न *
* प्यार का जश्न *
surenderpal vaidya
जन्नत का हरेक रास्ता, तेरा ही पता है
जन्नत का हरेक रास्ता, तेरा ही पता है
Dr. Rashmi Jha
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
अहंकार का बीज, आज वृक्ष बन गया।
अहंकार का बीज, आज वृक्ष बन गया।
श्याम सांवरा
कर्म
कर्म
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कोई भी
कोई भी
Dr fauzia Naseem shad
सच-झुठ
सच-झुठ
Mansi Kadam
ख़ाली हाथ
ख़ाली हाथ
Shashi Mahajan
Loading...