Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2022 · 1 min read

तालिबानी क़ब्जे में अफगानिस्तान

दूर से तमाशा देखता रहा ज़हान!
नेस्तनाबूद हो गया अफ़ग़ानिस्तान!!
इंसानियत की लाश को रौंदते हुए
फिर तख्त-नशीन हो गया तालिबान!!
#Talibans #Afganistan #UNO
#women #UK #USA #terrorist

Language: Hindi
127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

What if...
What if...
R. H. SRIDEVI
Life equations
Life equations
पूर्वार्थ
An eyeopening revolutionary poem )क्यूँ दी कुर्बानी?)
An eyeopening revolutionary poem )क्यूँ दी कुर्बानी?)
komalagrawal750
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
آنسوں کے سمندر
آنسوں کے سمندر
अरशद रसूल बदायूंनी
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
Dr Archana Gupta
कभी इश्क ना करना
कभी इश्क ना करना
डॉ. एकान्त नेगी
*आज का मुक्तक*
*आज का मुक्तक*
*प्रणय*
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हम सबके सियाराम
हम सबके सियाराम
Sudhir srivastava
ज़िन्दगी दर्द का
ज़िन्दगी दर्द का
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक 2
मुक्तक 2
SURYA PRAKASH SHARMA
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
अद्भुत प्रयास
अद्भुत प्रयास
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
" क्यों? "
Dr. Kishan tandon kranti
3049.*पूर्णिका*
3049.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चोपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
seema sharma
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
हो अंधेरा गहरा
हो अंधेरा गहरा
हिमांशु Kulshrestha
शिगाफ़ तो भरे नहीं, लिहाफ़ चढ़  गया मगर
शिगाफ़ तो भरे नहीं, लिहाफ़ चढ़ गया मगर
Shweta Soni
मैं बनती अभिमान
मैं बनती अभिमान
indu parashar
हमारे ख्यालों पर
हमारे ख्यालों पर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी
आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी
Abasaheb Sarjerao Mhaske
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
Shashi kala vyas
सपनों का पर्दा जब जब उठा
सपनों का पर्दा जब जब उठा
goutam shaw
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
Er.Navaneet R Shandily
डीजे
डीजे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
मेरी आकांक्षा
मेरी आकांक्षा
उमा झा
Loading...