” तार हूं मैं “
” तार हूं मैं ”
कभी कमजोर तो कभी ताकतवर हूं
धातु में लिपटकर मजबूत हो जाता,
रोशनी पहुंच सके तुम सब के घर में
बिजली देने मैं खंबे पर लटक जाता,
भारी भरकम जंजीरों का हूं सरताज
सारे सामान को अपने अंदर बांध लेता,
पुराने जमाने में मेरी अलग ही महता
हाल चाल पूछने के भी मैं काम आता,
फौजी कुशल समाचार भेजता बॉर्डर से
सरकारी दफ्तरों में मेरा सिक्का चलता,
खेल के उपकरण भी बनते है मुझसे
मोटर वाहनों में भी मेरी आवश्यकता,
पाइप, टायर में भी जोड़ बनाता मैं ही
कारखानों में बहुतायत में पाया जाता
लोहे का हो चाहे हो डाकखाने वाला
नाम से पूछो अगर तो तार कहलाता।
Dr Meenu Poonia