तारे-तारे आसमान में
तारे-तारे आसमान में,
बिखरे है बहुत ढ़ेर सारे,
छोटे-छोटे टिम-टिम करते,
लगते है सबको प्यारे
अँधेरे में करते है उजियारे ।
तारे-तारे आसमान में,
चमकते है दीपक अति सारे,
नन्हे-नन्हे लौ है जलते,
सजाते है आसमां की थाल,
अँधेरे को रोशनी से जगमगाए ।
तारे-तारे आसमान में,
बिखरे है हीरे-मोती अपार,
हल्के-हल्के चमक बिखेरे,
सुंदर लगे चंदा का हार,
अँधेरे में जगत चमचमाए ।
रचनाकार –
✍🏼 बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।