तारीफ के मुरीद
क्यों खफा हो जाते है लोग,
एक आता है तो एक चला जाता है,
कभी तारीफ कर दिया करो रुकने वालोंं की भी,
यह सोच सोच के जनाब पछ्ताते है।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।
क्यों खफा हो जाते है लोग,
एक आता है तो एक चला जाता है,
कभी तारीफ कर दिया करो रुकने वालोंं की भी,
यह सोच सोच के जनाब पछ्ताते है।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।