तारा है मेरी आंखों का
आवारा अनजान अकेला, राही है लंबी रातों का।
चाँद हिफाज़त करना उसकी, तारा है मेरी आँखों का।
तुझसे ज़्यादा साफ हृदय का, तुझसे ज़्यादा भोला है वो।
तेरे जैसा श्वेत नहीं है, नभ सा श्याम सलोना है वो।
जिसके साथ उदासी ने भी बड़े चाव से भांवर डाली,
जिसे नियति ने जी भर खेला, ऐसा सुघर खिलौना है वो।
जिनसे रूठी रहीं बहारें, पत्ता है ऐसी शाखों का।
चाँद हिफाज़त करना उसकी, तारा है मेरी आँखों का।
कहीं किसी नदिया के तट पर, या जंगल में उसे ढूंढना।
हो सकता है भूल चुका हो, नाम पता कुछ नहीं पूंछना।
उसकी गहरी जमुना जैसी स्याह पड़ चुकीं आंखें पढ़कर।
किस लिपि में क्या बोल रहा है, रखकर दिल पर हाथ सोचना।
थामे नहीं गए जो अब तक, कम्पन है कोरे हाथों का।
चाँद हिफाज़त करना उसकी, तारा है मेरी आँखों का।
हवा उसे भंवरा समझेगी, तुमको शायद मेघ लगेगा, ।
जग समझेगा प्रेमी मेरा, मित्रों को कुछ और लगेगा।
दुनिया भर की सारी मांयें परदेसी बेटा समझेंगी
राम रसायन पीने वालों, को वनवासी राम लगेगा।
जो भी हो तुमको क्या करना, इन दुनिया भर की बातों का।
चाँद हिफाज़त करना उसकी, तारा है मेरी आँखों का।