तात तार कर मानवता कु मर्यादा
तार तार कर दी मानवता की मर्यादा
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सिंह ने क्या बेखूबी दिलेरी दिखाई है
जान पर खेल कर्तव्यनिष्ठा निभाई है
निहंगों का शर्मनाक निंदनीय कृत्य था
सिक्ख कौम को गहरी ठेस पहुंचाई है
तार -तार कर दी मानवता की मर्यादा
मानवीय मूल्यों में भी गिरावट आई हैं
क्या कसूर था सिंह पंजाब आरक्षी का
कट्टरपंथियों ने बर्बर निष्ठुरता दिखाई है
धर्म की जोर शोर से पैरवी मे दे दुहाई
ये कुकृत्य कौन से धर्म की अगुवाई है
मानव हित में होती हैं धार्मिक संस्थाएं
संस्कृति-संस्कारों में क्यों सेंध लगाई है
निषेधाज्ञा को ही तो करवा रहे थे लागू
सिंह को किस जुर्म की सजा दिलाई है
धर्महित,जातिहित से जरा बाहर आओ
कुदरत ने तो एक मानव जाति बनाई है
सुखविंद्र निवेदित है धर्म के ठेकेदारों से
देश अखंडता बचाने की गुहार लगाई है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)