Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2023 · 1 min read

ताटंक छंद

🦚
ताटंक‌ छंद
*********
भेदभाव की परिपाटी ने, बाँट दिया है लोगों को ।
ऊँच-नीच ने बहुत उगाया, लोगों के मन रोगों को ।।
तेरा-मेरा भाव त्याग कर, हम का भाव जगाना है ।
देशभक्ति का बहुत अनूठा, अपने पास खजाना है ।।
*
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
🌻🌻🌻

133 Views
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all

You may also like these posts

"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम जिंदा हो इसका प्रमाड़ दर्द है l
तुम जिंदा हो इसका प्रमाड़ दर्द है l
Ranjeet kumar patre
हे बुद्ध
हे बुद्ध
Dr.Pratibha Prakash
*आदिशक्ति का अंश*
*आदिशक्ति का अंश*
ABHA PANDEY
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
ଅର୍ଦ୍ଧାଧିକ ଜୀବନର ଚିତ୍ର
Bidyadhar Mantry
"" *पेड़ों की पुकार* ""
सुनीलानंद महंत
शब्द
शब्द
Shashi Mahajan
पुरबी के जनक 'महेंद्र मिश्र
पुरबी के जनक 'महेंद्र मिश्र
Indu Singh
चुप रहने की घुटन
चुप रहने की घुटन
Surinder blackpen
"नित्य नये नये काम तक भी पहुंचाती हैं ll
पूर्वार्थ
मैं घड़ी हूँ
मैं घड़ी हूँ
Dr. Vaishali Verma
दिल का हर वे घाव
दिल का हर वे घाव
RAMESH SHARMA
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
हमदर्द तुम्हारा
हमदर्द तुम्हारा
ललकार भारद्वाज
प्रीति
प्रीति
Rambali Mishra
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे  दिया......
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
Rakesh Singh
"खुश होने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
😢कलजुग😢
😢कलजुग😢
*प्रणय*
माँ - बेटी
माँ - बेटी
Savitri Dhayal
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4623.*पूर्णिका*
4623.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमेशा की नींद सुला दी गयी
हमेशा की नींद सुला दी गयी
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
*सपने जैसी जानिए, जीवन की हर बात (कुंडलिया)*
*सपने जैसी जानिए, जीवन की हर बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वक़्त की पहचान🙏
वक़्त की पहचान🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
Phool gufran
एक बार मनुहार करना जरुर
एक बार मनुहार करना जरुर
Pratibha Pandey
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...