ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
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ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे।
ताकि याद हम यहाँ पर, कल भी रहे।।
अपने निशां बाकी, कल भी रहे यहाँ।
करें ऐसा काम ताकि, सब खुश रहे।।
ताकि अपना नाम ———————।।
यही वरदान माँगे, हम भगवान से।
हमेशा रहे दूर, हम बुरे काम से।।
जिंदगी हमारी यहाँ, बदनाम नहीं हो।
ताकि हमारा मान, कल भी रहे।।
ताकि अपना नाम ——————-।।
कोशिश हमारी ऐसी, यहाँ पर हो।
चोट किसी दिल पे, हमसे नहीं हो।।
कम करना सीखें हम, दर्द किसी का।
ताकि कोई शिकायत, हमसे नहीं रहे।।
ताकि अपना नाम ———————।।
समझे नहीं किसी को, पराया कभी यहाँ।
मिलकर रहे सभी से, अपने हैं सब यहाँ।।
अपनी इस जमीं को, क्यों हम बांटे।
कर्म हम वतन के लिए, करते रहें।।
ताकि अपना नाम ———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)