Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2021 · 1 min read

ताकूऽ कनै मां निहुछ हमे,इजोत के खीची लाउ(कविता)

निहुछ अपने भक्क बैसू वीरन मे
वेदनसँ जल गोइठा हो जाउ,छन मे
गठजोङ करू तऽ अप्पन, नहि केओ
कंचा यशी लोक पथ मे रोड़ा,ठारह केओ
तऽ कोना बढू जिनगी मे आगू,भक्क बैसू
ताकूऽ कनै मां निहुछ हमे,इजोत के खीची लाउ

गढ़ बनू राजा सलहेस जेना हम
इतिहासक मठ मे नव इतिहास गढ़ू हम
आगू आगू नै आबै केओ,नै वरन उपहास करै
आतुर नै होउ कतौ अभिनव जयदेवक कृति
धियान करू
दिनकर रेनू जेना हिय अटूट विश्वास हमर हो
शून्यसँ जानू मुलुक के,सबसँ अशीष माँगू
अप्पन माटि मे बारह ज्योतिर्लिंग देखिक जागू
ताकूऽ कनै मां निहुछ हमे,इजोत के खीची लाउ

छाह गाछ बनू हम बलखैत मनुख्ख के अप्पन छाह रखू
पावन पवित्र मन घर आँगन होए हमर
साप डसै तऽ तखनो लेहू गुन गान करै
आरसी यात्री जेहन सरस मधूर बनि हम
गौरवशाली अतीत भारत क निर्माण करू
श्वास टुटे मुदा तखन धरि संस्कार नै बिसरू
ताकूऽ कनै मां निहुछ हमे,इजोत के खीची लाउ

साँच धरम कर्तव्य शिरोधार्य हो हमर
असुर कखनो हमर हिय के आंगन नै आबै
लाजसँ असुर करै नित नमन हमर संस्कार बहराबै
अप्पन भाषा संस्कृति सँ अहिना बहराउ जहान
मे कंठ हार बनू
श्वास टुटे मुदा तखन धरि संस्कार नै बिसरू
ताकऽ कनै मां निहुछ हमे,इजोत के खीची लाउ

मौलिक एवं स्वरचित
© श्रीहर्ष आचार्य

Language: Maithili
8 Likes · 3 Comments · 358 Views

You may also like these posts

हम और तुम
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कविता
कविता
Rambali Mishra
गुमनाम मत
गुमनाम मत
Mani Loke (Loma)
#अनुभूत_अभिव्यक्ति
#अनुभूत_अभिव्यक्ति
*प्रणय*
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अब नहीं हम आयेंगे
अब नहीं हम आयेंगे
gurudeenverma198
मिजाज
मिजाज
Poonam Sharma
sp97 हम अपनी दुनिया में
sp97 हम अपनी दुनिया में
Manoj Shrivastava
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
3828.💐 *पूर्णिका* 💐
3828.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चल चित्र का संसार
चल चित्र का संसार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
प्रीतम दोहावली- 3
प्रीतम दोहावली- 3
आर.एस. 'प्रीतम'
नववर्ष नवशुभकामनाएं
नववर्ष नवशुभकामनाएं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जवानी के दिन
जवानी के दिन
Sandeep Pande
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
Ravi Prakash
" राजनीति "
Dr. Kishan tandon kranti
मेहबूब की शादी
मेहबूब की शादी"
पूर्वार्थ
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
धनपत राय
धनपत राय
MUSKAAN YADAV
साला - जीजा।
साला - जीजा।
Kumar Kalhans
*ये आती और जाती सांसें*
*ये आती और जाती सांसें*
sudhir kumar
प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी)
प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी)
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
- दीवारों के कान -
- दीवारों के कान -
bharat gehlot
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
निभाना आपको है
निभाना आपको है
surenderpal vaidya
"धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है!
Ajit Kumar "Karn"
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
लक्ष्मी सिंह
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
Loading...