तांका
1-हम गृहिणी,
घर को ही मानती,
अपना जहाँ,
खुश हो परिवार,
यही एक अरमां।।
2-प्यार है रस,
प्यार है समर्पण,
प्यार से खिले,
खुशियों का गुलिस्तां,
महके सारा जहाँ।।
3-तू मेरा प्यार,
मैं तेरी परछाईं,
अधूरी हूँ मैं,
बिन तेरे सनम,
तू ही मेरा संसार।।
4-शादी का रिश्ता,
होता सबसे खास,
फ़ेरे हैं सात,
निभाते हर साथ,
जब तक है साँस।
5-नाम में हैं दो,
प्रदीप और स्वाति,
जज्वात एक,
वो दिया मैं हूँ बाती,
फिर नहीं उदासी।।
By:Dr Swati Gupta