तांका छंद
तांका (वार्णिक छंद)
विधान-5,7,5,7,7=31वर्ण
विषय-“राधा कृष्ण”
(1)श्याम रंग में
साँवरी हुई राधा
होके मगन
सुनाओ वंशी धुन
व्याकुल मेरा मन।
(2)सुनो उद्धव
मन न दस-बीस
जाने माधव
ढूंढूँ नंद के द्वारे
कहाँ बसे गोपाल।
(3)गोकुल सूना
सूनी है डगरिया
यमुना तीरे
रुचती न सखियाँ
कौन रचाए रास।
(4)लाल गुलाल
तन-मन न सोहे
फीका फागुन
उदास ब्रजबाला
आ जाओ नंदलाला।
(5)कन्हैया बिन
गैया दूध न देवें
मातु यशोदा
सब करके हारीं
बाट निहारें ठाड़ी।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी।(उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर