*** तस्वीर….! ***
” किसी न किसी जज़्बात की…
एक निशानी होती है ये तस्वीर..!
कितना कुछ जुड़ा होता है…
अंतःकरण मन में उद्भव विचार..!
और पांव पसारते…
ये समय के अनवरत चाल..,
धूंधली हो जाती ये तस्वीर…!
लेकिन तस्वीर में ही सही…
पास नज़र आते हैं गुज़रे हुए पल…!
कुछ यादों को संजोए हुए…
मन के अमिट जज़्बात…!
तटस्थ होंठ पर अभिव्यक्ति…
देता है एक अनमोल…,
अतुल आकार…!
पुलकित मन रंग जाती है…
अमिट प्रेम , स्नेह…
और राग-रंग भाव प्रसार में..!
मन की जज़्बात को सजाती…
यादों की कुछ झलकियों में…!
हर तस्वीर…
कुछ न कुछ कह जाती है…!
और पुराने जिंदगी में…
पुनः लौट आने की आव्हान करती है…!
किसी न किसी जज़्बात की…
एक निशानी होती है ये तस्वीर…!! ”
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* बी पी पटेल *
बिलासपुर (छ.ग.)
१५ / ०९ / २०२३