Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2021 · 1 min read

तस्वीर

दिखती है जो बात तस्वीर में ,
पर नज़ारा तो कुछ और है ।
अदाएं कुछ ,अंदाज़े -बयां कुछ ,
सारा फ़साना कुछ और है ।
तस्वीर तो एक ही है मगर,
इसके पहलु कुछ और है।
शक्ल में ,और सीरत में ,
छुपे राज़ कुछ और है।
दुनियां जो देखती है ,वोह
मुझे जो दिखता कुछ और है।
है कोई बात इस तस्वीर में ज़रूर ,
मेरा नजरिया कहता कुछ और है।
कैसे दिखायुं मैं इसका असली रूप ,
हरपल रंग बदलता ऐसा इसका रुख है।

7 Likes · 6 Comments · 392 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
प्रमेय
प्रमेय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वैर भाव  नहीं  रखिये कभी
वैर भाव नहीं रखिये कभी
Paras Nath Jha
*****नियति*****
*****नियति*****
Kavita Chouhan
छप्पन भोग
छप्पन भोग
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
बुंदेली दोहा- पैचान१
बुंदेली दोहा- पैचान१
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बाहर-भीतर
बाहर-भीतर
Dhirendra Singh
तुम्हें कब ग़ैर समझा है,
तुम्हें कब ग़ैर समझा है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
(20) सजर #
(20) सजर #
Kishore Nigam
"आधी है चन्द्रमा रात आधी "
Pushpraj Anant
"इस तरह"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
Ravi Betulwala
चाहत में उसकी राह में यूं ही खड़े रहे।
चाहत में उसकी राह में यूं ही खड़े रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
ना जाने सुबह है या शाम,
ना जाने सुबह है या शाम,
Madhavi Srivastava
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
ओसमणी साहू 'ओश'
शब्द
शब्द
Neeraj Agarwal
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
दुनिया इतनी बड़ी किताब है
दुनिया इतनी बड़ी किताब है
Indu Singh
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*छूकर मुझको प्रभो पतित में, पावनता को भर दो (गीत)*
*छूकर मुझको प्रभो पतित में, पावनता को भर दो (गीत)*
Ravi Prakash
आप अपना
आप अपना
Dr fauzia Naseem shad
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
नूरफातिमा खातून नूरी
बिखरी बिखरी जुल्फे
बिखरी बिखरी जुल्फे
Khaimsingh Saini
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
दो कदम का फासला ही सही
दो कदम का फासला ही सही
goutam shaw
2834. *पूर्णिका*
2834. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वजह ऐसी बन जाऊ
वजह ऐसी बन जाऊ
Basant Bhagawan Roy
■दम हो तो...■
■दम हो तो...■
*प्रणय प्रभात*
Loading...