Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

तस्वीर तुम्हारी देखी तो

तस्वीर तुम्हारी देखी तो
वो गुजरा जमाना याद आया
एक अपनी कहानी याद आई
एक तेरा फसाना याद आया

एक हम थे अकेले रहते थे
एक तुम मेरे जीवन में आए
मुझे तेरी हकीकत या कोई
फिर ख्वाब पुराना याद आया
एक अपनी कहानी याद आई

हमने तो मांगा कुछ भी नहीं
फिर भी तुमने गम दे ही दिया
वह तेरी हंसी मुझे याद आई
फिर हमको रुलाना याद आया
एक अपनी कहानी याद आई

तुम हमको छोड़ गए तन्हाँ
दिल के भी टुकड़े कर डाले
यादें भी कहर बनकर बरसी
जब तेरा यूँ सतना याद आया
एक अपनी कहानी याद आई

हम भूल भी जाएं ये दुनिया
‘V9द’तेरी खता को ना भूलेंगे
गैरों की होकर तूँ खुश है मगर
हमे खुद को मिटाना याद आया
एक अपनी कहानी याद आई

स्वरचित
V9द चौहान

3 Likes · 117 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

पिताजी का आशीर्वाद है।
पिताजी का आशीर्वाद है।
Kuldeep mishra (KD)
मेरा गांव अब उदास रहता है
मेरा गांव अब उदास रहता है
Mritunjay Kumar
4383.*पूर्णिका*
4383.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर
मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
DrLakshman Jha Parimal
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
प्याला।
प्याला।
Kumar Kalhans
भय की शिला
भय की शिला
शिवम राव मणि
*आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार (कुंडलिया)*
*आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
■ एक स्वादिष्ट रचना श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या कान्हा जी के दीवानों के लिए।
■ एक स्वादिष्ट रचना श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या कान्हा जी के दीवानों के लिए।
*प्रणय*
Team India
Team India
Aruna Dogra Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इंतज़ार की रातें, लम्हों में ढूंढ रही हू प्यार,
इंतज़ार की रातें, लम्हों में ढूंढ रही हू प्यार,
Kanchan Alok Malu
चलो गीत गाएं
चलो गीत गाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Experience Life
Experience Life
Saransh Singh 'Priyam'
"मेरा निस्वार्थ निश्चछल प्रेम"
विकास शुक्ल
पाती पढ़कर मीत की,
पाती पढ़कर मीत की,
sushil sarna
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अनुशासन या अफ़सोस: जीवन का एक चुनाव
अनुशासन या अफ़सोस: जीवन का एक चुनाव
पूर्वार्थ
कलेवा
कलेवा
Satish Srijan
सड़ रही है उदासी तनहाई-संदीप ठाकुर
सड़ रही है उदासी तनहाई-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
चाहत
चाहत
surenderpal vaidya
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सच
सच
Sanjay ' शून्य'
You are the sanctuary of my soul.
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
कर दिया
कर दिया
Dr fauzia Naseem shad
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
If.. I Will Become Careless,
If.. I Will Become Careless,
Ravi Betulwala
Loading...