तस्मै श्री गुरवे नमः
आज गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री गुरू के चरणों में समर्पित एक मुक्तक –
1222 1222 1222 1222
महज दे ज्ञान पुस्तक का, नहीं पढ़ना सिखाते हैं।
सहारा बन हमारा ये, हमें बढ़ना सिखाते हैं।
हमारे मार्गदर्शक ये, सुझाते हैं सुपथ हमको,
कहाँ है क्या हमें करना , गुरू हमको सिखाते हैं।
– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)