तल्खियां होते हुए ‘शाद’ न समझी मैं उन्हें
तल्खियां होते हुए ‘शाद’ न समझी मैं उन्हें
वास्ते उनके मिरा दिल है कुशादा कैसे
डॉ० फ़ौज़िया नसीम ‘शाद’
तल्खियां होते हुए ‘शाद’ न समझी मैं उन्हें
वास्ते उनके मिरा दिल है कुशादा कैसे
डॉ० फ़ौज़िया नसीम ‘शाद’