तलाश
तलाश है मुझे एक स्वच्छ बहती हुई नदी की जो मेंरी प्यास बुझा दे ।
जब धूप उगले, और खेतों में सूखा जाए,
प्यास बुझाने की कोई गहरी चाह हो जाए।
नाव की धार पे, मिट्टी की खुशबू बिखरे,
नदी की लहरें मेरी प्यास को बुझा दें हर बारे।
जल के स्नान में, मिले मुझे नया जीवन,
नदी के किनारे, मिले मुझे सुकून का संवार।
जल का महत्व जानो, इसे हमेशा संभालो,
नदी के जीवनदाता, हो इसे सराहते चलो।
स्वच्छ नदी की रक्षा, हम सभी का दायित्व है,
प्यास बुझाने की, इसमें ही हमारी जिम्मेदारी है।
नदी की सफाई, हम सबके लिए आवश्यक है,
स्वच्छ नदी में ही, मिलेगा साफी का आनंद भरा जहां।
निर्मल जल, है स्वास्थ्य का स्रोत,
नदी की चायनी, हमें बनाए रखे मंत्रमुग्ध।
इसलिए समर्थन करो स्वच्छ नदी का,
प्यास बुझाने के लिए, हम सभी का यह प्रण करो।
कार्तिक नितिन शर्मा