तलाश होती ठिकाने की
***** तलाश होती ठिकाने की ****
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आदत हो गई गमों में मुस्कराने की
गहरे जख्मों को ज़माने से छिपाने की
सुबह से शाम तक तक चाहे खूब घूमो
रात होते ही तलाश होती ठिकाने की
बिस्तर चाहे जितना बिछा हो मखमली
सिर रखने को जरूरत हे सिराहने की
लोगों की कथनी करनी में बहुत अंतर
खूब उलझाकर बात करे सुलझाने की
प्रीत की दुश्मन दुनिया,यह रीत पुरानी
हालत बद से बदतर यहाँ दीवाने की
सुखविन्द्र मुखौटे पहने कोई ना मीत
कोशिश रहें करते पग पीछे हटाने की
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)