तलाश जिंदगी की
खुशियां जो बिखरी पड़ी है
उन्हें समेटता रहता हूं
दर्द जिंदगी में जो वक्त ने दिए है
उन्हें सहता रहता हूं ।।
जो भी सवाल पूछती है ये ज़िंदगी
जवाब उसका ढूंढता रहता हूं
जो भी मिल जाए राह में साथी कोई
उसमे अपनापन ढूंढता रहता हूं।।
सपनों के तार जिंदगी से जोड़कर
बस उनमें खोया रहता हूं
शायद आजका सपना बेहतर होगा
इसी उम्मीद में सोया रहता हूं।।
अब तो गिनने भी छोड़ दिए दर्द
देखकर उनको हंसता रहता हूं
छोड़ दिया सब कुछ ऊपरवाले पर
जो दिल में आए लिखता रहता हूं।।
दिख जाए बेफिक्र बचपन खेलते हुए
मैं तो उसे निहारता रहता हूं
कभी मैने भी बचपन ऐसा जीया था
ये सोचकर ही खुश रहता हूं।।
तलाश थी मुझको उम्रभर जिसकी
मैं वो सुकून खोजता रहता हूं
जब भी मौका मिले अकेले में कभी
हसीन पलों को समेटता रहता हूं।।
दरिया है जिंदगी देती है नित नए अनुभव
इस दरिया में बहता रहता हूं
जानता हूं कि डूब जाऊंगा एक दिन इसमें
फिर भी तैरने की कोशिश करता रहता हूं।।
जिंदगी तू जितने भी इम्तिहान ले ले
मैं तो हर पल तैयार रहता हूं
संघर्ष करना है जब तक है जीवन
सभी से यही गुहार करता रहता हूं।।