तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
पीर हृदय की जो बढ़ जाय पिघल जाने दो।।
ऐसा सूरज दे न सके जो हमें उजाला।
ऐसे सूरज को “कश्यप” अब ढल जाने दो।।
“कश्यप”
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
पीर हृदय की जो बढ़ जाय पिघल जाने दो।।
ऐसा सूरज दे न सके जो हमें उजाला।
ऐसे सूरज को “कश्यप” अब ढल जाने दो।।
“कश्यप”