” तर्क और विचार “
” तर्क और विचार ”
( डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ” )
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तर्क और विचार अनायास ही नहीं उभरते ! हम निरंतर इसमें डूब जाना चाहते हैं ! विषयों का गहन अध्ययन और उनकी गहराईयों तक पहुँचाना हमारा एक प्रयास होता है ! फिर शांत मुद्राओं में विषयों का मनन करते हैं ! हम जानते हैं कि हम एक कुशल धनुर्धर नहीं हैं फिर भी लक्ष्य भेदने की जिज्ञासा हम रखते हैं ! जिन विषयों में हमारी दूरदृष्टि पहुँच नहीं पाती ,कुछ क्षणों के लिए हम उसे स्थगित कर देते हैं पर उन विषयों को नजर अंदाज करना हमें भाता नहीं ! आजकल किन्हीं विषयों को जानना सामान्य सी बात हो गयी है ! शब्दभेदी बाण के धनुर्धर अर्जुन बने या प्राकर्मी एकलब्य की गुरुभक्ति दिखलायें ! यह हम पर निर्भर करता है ! परन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विजय के राजतिलक हमें तभी लगाये जायेंगे जब हम विजयी बनेंगे ! विजय रथ का सपना परिश्रम ,प्रशिक्षण और लगन से ही साकार होता है ! हम सदैव इन प्रयासों में लगे रहते हैं कि अपनी बातों को आपके समक्ष्य भलीभांति रख सकूँ ! आपसे हमें प्रश्न पूछने की बात हमारे ह्रदय और मष्तिष्क में आती ही नहीं ! निर्णय तो आप स्वयं करेंगे ! हम तो मात्र तर्क और विचारों के बाण चलाएंगे !
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका