Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2021 · 1 min read

” तर्क और विचार “

” तर्क और विचार ”
( डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ” )
==============
तर्क और विचार अनायास ही नहीं उभरते ! हम निरंतर इसमें डूब जाना चाहते हैं ! विषयों का गहन अध्ययन और उनकी गहराईयों तक पहुँचाना हमारा एक प्रयास होता है ! फिर शांत मुद्राओं में विषयों का मनन करते हैं ! हम जानते हैं कि हम एक कुशल धनुर्धर नहीं हैं फिर भी लक्ष्य भेदने की जिज्ञासा हम रखते हैं ! जिन विषयों में हमारी दूरदृष्टि पहुँच नहीं पाती ,कुछ क्षणों के लिए हम उसे स्थगित कर देते हैं पर उन विषयों को नजर अंदाज करना हमें भाता नहीं ! आजकल किन्हीं विषयों को जानना सामान्य सी बात हो गयी है ! शब्दभेदी बाण के धनुर्धर अर्जुन बने या प्राकर्मी एकलब्य की गुरुभक्ति दिखलायें ! यह हम पर निर्भर करता है ! परन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विजय के राजतिलक हमें तभी लगाये जायेंगे जब हम विजयी बनेंगे ! विजय रथ का सपना परिश्रम ,प्रशिक्षण और लगन से ही साकार होता है ! हम सदैव इन प्रयासों में लगे रहते हैं कि अपनी बातों को आपके समक्ष्य भलीभांति रख सकूँ ! आपसे हमें प्रश्न पूछने की बात हमारे ह्रदय और मष्तिष्क में आती ही नहीं ! निर्णय तो आप स्वयं करेंगे ! हम तो मात्र तर्क और विचारों के बाण चलाएंगे !
==================================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका

Language: Hindi
Tag: लेख
375 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सफरसाज
सफरसाज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
काव्य में विचार और ऊर्जा
काव्य में विचार और ऊर्जा
कवि रमेशराज
आपको स्वयं के अलावा और कोई भी आपका सपना पूरा नहीं करेगा, बस
आपको स्वयं के अलावा और कोई भी आपका सपना पूरा नहीं करेगा, बस
Ravikesh Jha
साक्षात्कार- पीयूष गोयल-१७ पुस्तकों को हाथ से लिखने वाले
साक्षात्कार- पीयूष गोयल-१७ पुस्तकों को हाथ से लिखने वाले
Piyush Goel
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरो
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरो
*प्रणय*
बेरोजगारी का दानव
बेरोजगारी का दानव
Anamika Tiwari 'annpurna '
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
मन के सारे भाव हैं,
मन के सारे भाव हैं,
sushil sarna
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
" कभी "
Dr. Kishan tandon kranti
हर एक  खैरियत पूछने वाला...
हर एक खैरियत पूछने वाला...
पूर्वार्थ
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
Manisha Manjari
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
हाजीपुर
अहमियत 🌹🙏
अहमियत 🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बाहर के शोर में
बाहर के शोर में
Chitra Bisht
ग़लती कर रहे कि सही,
ग़लती कर रहे कि सही,
Ajit Kumar "Karn"
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
गीत-14-15
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
आत्म मंथन
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
Sonam Puneet Dubey
क़दमों के निशां
क़दमों के निशां
Dr Mukesh 'Aseemit'
हर एक सांस सिर्फ़ तेरी यादें ताज़ा करती है,
हर एक सांस सिर्फ़ तेरी यादें ताज़ा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पढ़े-लिखे पर मूढ़
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
4284.💐 *पूर्णिका* 💐
4284.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
Loading...