तरस खाओ
हम पर नहीं तो भोले ,बेजुबान पशु-पक्षिओं पर तो तरस खाओ,
प्यासी है गर्मी से त्रस्त है यह प्यारी धरती ,इस पर रहम खाओ,
हम तो हैं इस सृष्टि और पर्यावरण के दोषी , मगर यह तो हैं बेकसूर .
हमारे लिए न सही ,इनके लिए ही बरस जाओ. प्यारी बरखा रानी!