तरबूज का हाल
तरबूज का यदि
पूछो हाल,
ऊपर हरा,
अंदर से लाल,
पूछो इसका
एक जवाब–
हरा कहूंँ
या फिर लाल?
जीवन इसी
द्वंद्व का नाम–
जीवन संघर्ष
या आराम?
इसका सीधा,
एक जवाब–
बचपन में यदि
किया परिश्रम,
जीवन भर
कर लो आराम,
बचपन में यदि
किया आराम,
बाकी के दिन,
जीना हराम।
पड़ो नहीं,
दोराहे में,
एक साध्य औ
गति एक समान।
मौलिक व स्वरचित
©® श्री रमण
बेगूसराय (बिहार)