तरंगों के सागर
कभी कभी
वक्त से मुझे
ऐसा आभास
होता है
कि मैं
एकदम अकेला हूं
इन्ही ख्यालों की
रुपरेखा मेरे
आनन पर
झलकती रहती है
परंतु मेरा हृदय
मुझे अपनी
प्यार भरी तरंगों के
सागर में
डुबों ले जाता है।।
कभी कभी
वक्त से मुझे
ऐसा आभास
होता है
कि मैं
एकदम अकेला हूं
इन्ही ख्यालों की
रुपरेखा मेरे
आनन पर
झलकती रहती है
परंतु मेरा हृदय
मुझे अपनी
प्यार भरी तरंगों के
सागर में
डुबों ले जाता है।।