“”तरंगें””
हृदय में पुलकित
विचारों की तरंगें
हमारे दुःखी मन
को बहुत ही
मंत्रमुग्ध और
आनंदमय
बनाने की
अदभुद क्षमता
रखती है
बस साहब तो हमारा
होना चाहिए
उन्हें पहचानने के लिए
और
उन्हें अपना बनाने के लिए