Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2021 · 1 min read

तमाम लोग ही दुश्मन की तरह देखते हैं तुम्हें।

तमाम लोग ही दुश्मन की तरह देखते हैं तुम्हें।
अपने राह का और एक, कांटा मानते हैं तुम्हें ।
साफ कर सको अपनी राह तो निकलना यारो।
किसी बहकावे में आकर नहीं फिसलना यारो।
इसी तरह सफर तय किए जाने की परंपरा है दोस्त।
जिंदगी कुछ नहीं, सपने में दिखी अप्सरा है दोस्त।
खुद पर इतबार रखना तभी चल सकोगे तुम।
खुद पर भरोसा करोगे जंग हार जाओगे तुम।
तमाम तलवारों के बीच ढाल बनकर है रहना।
हर टूटे रास्ते पे अडिग डग रखकर है चलना।
सारे लोग तुम्हें लेंघी लगा, सफर से पहले गिरा,
आगे बढ़ जाएंगे मित्र तुमको रुलाकर और चिढ़ा।
सफर पे निकलने से पूर्व पैर, पत्थर बना लेना।
पथ पर चलते हुए व मन प्रस्तर का बना लेना।
—————-30/9/21—————————–

Language: Hindi
172 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
gurudeenverma198
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
Shweta Soni
..
..
*प्रणय प्रभात*
धरती का बुखार
धरती का बुखार
Anil Kumar Mishra
सत्य की खोज........एक संन्यासी
सत्य की खोज........एक संन्यासी
Neeraj Agarwal
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
** लिख रहे हो कथा **
** लिख रहे हो कथा **
surenderpal vaidya
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"दोस्ताना "
DrLakshman Jha Parimal
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
उलझते रिश्तो को सुलझाना मुश्किल हो गया है
Harminder Kaur
वाह रे मेरे समाज
वाह रे मेरे समाज
Dr Manju Saini
कल्पना ही हसीन है,
कल्पना ही हसीन है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दूर क्षितिज तक जाना है
दूर क्षितिज तक जाना है
Neerja Sharma
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
कवि रमेशराज
वक्त की चोट
वक्त की चोट
Surinder blackpen
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
Minakshi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
2322.पूर्णिका
2322.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अजनबी !!!
अजनबी !!!
Shaily
बाबा महादेव को पूरे अन्तःकरण से समर्पित ---
बाबा महादेव को पूरे अन्तःकरण से समर्पित ---
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Aaj kal ke log bhi wafayen kya khoob karte h
Aaj kal ke log bhi wafayen kya khoob karte h
HEBA
"सोचता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
दानवीरता की मिशाल : नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर
दानवीरता की मिशाल : नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
शेखर सिंह
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
पत्थर दिल का एतबार न कीजिए
पत्थर दिल का एतबार न कीजिए
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जरुरी नहीं कि
जरुरी नहीं कि
Sangeeta Beniwal
Loading...