तमाम रातें तकतें बीती
तमाम रातें तकतें बीती
कहीं किसी को खबर नहीं है
जो न होती हमारी सरगम
साँसों का फिर सफर नहीं है।
हालात सारे कह रहे हैं
कहीं किसी को खबर नहीं है।।
नाते, रिश्ते, प्यार मोहब्बत
इनकी भी अब लहर नहीं है।।
सूर्यकांत
तमाम रातें तकतें बीती
कहीं किसी को खबर नहीं है
जो न होती हमारी सरगम
साँसों का फिर सफर नहीं है।
हालात सारे कह रहे हैं
कहीं किसी को खबर नहीं है।।
नाते, रिश्ते, प्यार मोहब्बत
इनकी भी अब लहर नहीं है।।
सूर्यकांत