तमन्नाओं का संसार
तमन्नाओं की सीमा जिंदगी को पार कर आगे चली गई,
बेचारी जिंदगी पीछे छूट गई तमन्ना बहुत आगे बढ़ गई I
कोई “माया” की तमन्ना में अपना होश भी खो गया,
कोई “काया” की तमन्ना में रास्ते से ही भटक गया ,
कोई “छाया” की तमन्ना में “फरेब” के आगे सो गया,
कोई “माला” की तमन्ना में सत्य-वाणी भी भूल गया I
तमन्नाओं की सीमा जिंदगी को पार कर आगे चली गई,
अनमोल जिंदगी रोती रही लेकिन तमन्ना आगे बढ़ गई I
एक खूबसूरत तमन्ना ने इन्सान को बुलंदियों पर ला दिया,
एक चंचल तमन्ना ने इंसान को जमीन के गर्त पर ला दिया,
एक अनोखी तमन्ना ने” इंसानियत का परचम ”लहरा दिया ,
एक खौफनाक तमन्ना ने “ नफरत ”का रास्ता दिखा दिया ,
तमन्नाओं की सीमा जिंदगी को पार करके आगे चली गई,
जिंदगी ने हाथ जोड़े मान जाओ पर तमन्ना आगे बढ़ गई I
“राज”तमन्ना करो कि इंसान खूबसूरत जिंदगी से प्यार करे ,
“झूठ-फरेब” के कारोबार से खुशहाल जिंदगी को बर्बाद न करे ,
तमन्नाओं के संसार में इंसानियत को भी थोड़ी सी जगह देते चले ,
कब छूट जाये सांसे हमारी, जिंदगी देनेवाले को प्यार करते चले,
तमन्नाओं की सीमा जिंदगी को पार कर आगे चली गई,
बेचारी जिंदगी पीछे छूट गई तमन्ना बहुत आगे बढ़ गई I
देशराज “राज”