तभी तो सुलझेगी पहेलियां
तुम यूं खोए खोए…
बैठे रहोगे तो…
तो कैसे बढ़ेगी नजदीकियां…
कुछ तुम बोलो…
कुछ हम बोले…
तभी तो सुलझेगी पहेलियां…
– कृष्ण सिंह
तुम यूं खोए खोए…
बैठे रहोगे तो…
तो कैसे बढ़ेगी नजदीकियां…
कुछ तुम बोलो…
कुछ हम बोले…
तभी तो सुलझेगी पहेलियां…
– कृष्ण सिंह