— तभी तक याद करते हैं —
लोग तभी तक याद करते हैं
जब तक उनका काम होता है
बिना काम के कौन किसी से
फ़ोन तक पर बात करता है !!
काम करवाने के लिए
रात रात तक भी परेशां करता है
कितनी खुदगर्जी है भरी हुई
बस मतलब तक फ़रियाद करता है !!
हम जी रहे हैं मतलब युग में
प्यार तक का भी तौल करता है
गलती से दे दिया धन जब उस को
वापिस करने के फिर ढोंग करता है !!
कितना गिरेगा ओ रे प्राणी
क्यूँ बुद्धि का भी नाश करता है
संभल कर करता नहीं कारोबार
फिर मिन्नतें वो हजार करता है !!
अच्छा आदमी अब जी नहीं सकता
अच्छाई वो फिर बार बार करता है
खुद जब झेलता है कष्ट दूजे के
दूजा फिर नया व्यापार करता है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ