तब का गूगल
तब का गूगल
जब थे हम
छोटे बच्चे
तब दादा-दादी
नाना-नानी
अन्य प्रियजन
या अन्य परिजन ही
निभाते थे भूमिका
गूगल की
वो जानते थे जैसा
वैसा ही
देते थे बता
गूगल भी तो
करता है यही कुछ
जानता है जैसा
वो देता है बता
वैसा ही
-विनोद सिल्ला©