तबीयत खराब होने पर भी अपने शिशु को स्तनपान करा सकती है “मां”
इस समूह के समस्त सम्माननीय पाठकों को मेरा प्रणाम ।
आज में आपको दूध पीने के फायदों के बारे में कुछ उपयोगी जानकारियां इस लेख के माध्यम से देना चाहती हूं और उम्मीद करती हूं कि आपको अवश्य ही लाभ होगा ।
सामान्य तौर पर आम धारणा यही है कि यदि मां की तबीयत खराब हो तो वह अपने छोटे बच्चे को दूध न पिलाए और यदि दूध पिलाया तो बच्चे की तबीयत भी खराब हो सकती है या बच्चे को मां का इन्फेक्शन हो सकता है, लेकिन यह बात सच नहीं है । यदि हमें छोटे बच्चों को तंदुरुस्त बनाना है तो इस पुरानी सोच से बाहर निकलना आवश्यक है ।
जी हां पाठकों अभी भी मैंने बहुत से घरों में देखा है कि पुरानी मान्यताओं और रूढ़िवादिताओं के दायरे से मुक्त नहीं होते हैं और जिसका खामियाजा भुगतना पड़ता है आपके घर में मां और बच्चे को । आज के समय में हमारे देश में जब विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है तो इसके माध्यम से जो रिसर्च या परीक्षण के परिणाम बताये जाते हैं तो फिर हमें नयी बातों और जानकारियों का लाभ उठाने के साथ ही उनका अनुसरण भी करना नितांत ही आवश्यक है । चलिए ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी से आपको अवगत कराती हूं ।
डॉक्टर अर्चना बजाज ( स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रसूति विशेषज्ञ, आईवीएफ विशेषज्ञ, दिल्ली ) , ने यह बताया कि कई छोटी-मोटी बीमारियों जैसे खांसी, जुकाम, बुखार, लूज मोशन, हाइपरटेंशन या डायबिटीज यदि मां को है, तो भी वह अपने बच्चे को दूध पिला सकती है । चाहे वह नियमित रूप से एंटीबायोटिक, पेन रिलीफ, पैरासिटामोल दवाओं का सेवन कर रही हो, तब भी बच्चे को फीड कर सकते हैं । कुछ स्थितियों में जैसे मां को हेपेटाइटिस-सी या एचआईवी पॉजिटिव है, तो डॉक्टर की सलाह से फीड कराना उचित होगा । यह निर्भर करता है कि मां को वायरस इन्फेक्शन कितना है ? इन दो बीमारियों के साथ ही ट्रांसमिशन होने की संभावना रहती है, लेकिन हेपेटाइटिस-बी के साथ मां फीड कर सकती है । मां को यदि एपिलेप्सी हो तो डॉक्टर की सलाह लेकर फीड कर सकते हैं ।
मां के दूध से बच्चे को रोगप्रतिरोधक क्षमता मिलती है । लेक्टोफोर्मिन के साथ कई रोगाणुनाशक तत्व मां के दूध में पाए जाते हैं जो बच्चे की आंत में लोहे तत्व को बांध लेता है । इससे शिशु की आंत में रोगाणु पनप नहीं पाते । संक्रमण से लडने के लिए आपके शरीर में बनने वाले रोग प्रतिकारक (इम्यूनिटी पावर) , मां के दूध के जरिए ही शिशु तक पहुंचते हैं ।
अतः मां का दूध शिशु के लिए हमेशा ही लाभप्रद है ।
धन्यवाद आपका ।