Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2018 · 1 min read

तबलची (हास्य-व्यंग्य)

तबलची
घर का खस्ताहाल
स्थिति बड़ी संगीन है।
घर के दौलत की देवी को
डंस गई नागिन है।
किसी के दिन में भी रंग
रातें भी होती रंगीन है।
हमारे तो,
आमद-ए-गम में बीतते दिन
रातें भी होती गमगीन है।
क्योंकि
प्रतिष्ठा की पिण्डली पर
कुंडली मार बैठा एक मिडिलची।
इसके नीचे के सभी तो
इसके ही है नकलची।
ग्रेजुएट की तो इज्जत कहाँ?
हम तो हुए कौड़ी के तीन है।
बड़े बेंग को भी पेंगे मार
आँख दिखता एक बेंगची।
चमचा की रौनक चारों ओर
देगचा के आँखों की भींगी कोर
आदमी के चमचा बन जाने से
परेशान नज़र आता आजकल
धातु का बना हर एक चमची।
हम तो चमची,नकलची
कुछ भी न बन पाएँ
आओ आज एकजुट हो जाएँ
फिर बनेंगे हम तबलची।
-©नवल किशोर सिंह

Language: Hindi
1 Like · 525 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
सत्य कुमार प्रेमी
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
गुमनाम 'बाबा'
कहता है सिपाही
कहता है सिपाही
Vandna thakur
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
*सोता रहता आदमी, आ जाती है मौत (कुंडलिया)*
*सोता रहता आदमी, आ जाती है मौत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
"तेरे बारे में"
Dr. Kishan tandon kranti
शोषण
शोषण
साहिल
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
Paras Nath Jha
थोड़ा Success हो जाने दो यारों...!!
थोड़ा Success हो जाने दो यारों...!!
Ravi Betulwala
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
*लब मय से भरे मदहोश है*
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
शेखर सिंह
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
Subhash Singhai
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
Ranjeet kumar patre
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मुस्कराहटों के पीछे
मुस्कराहटों के पीछे
Surinder blackpen
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
■ प्रणय_गीत:-
■ प्रणय_गीत:-
*प्रणय प्रभात*
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
पूर्वार्थ
अनकहे अल्फाज़
अनकहे अल्फाज़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3478🌷 *पूर्णिका* 🌷
3478🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
कर लो कभी
कर लो कभी
Sunil Maheshwari
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
डॉक्टर
डॉक्टर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
Dr. Kishan Karigar
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
जाने इतनी बेहयाई तुममें कहां से आई है ,
जाने इतनी बेहयाई तुममें कहां से आई है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...