तपी छंद
तपी छंद
विधान भगण भगण गुरु
211 211 2
7 वर्ण प्रति चरण,चार चरण,
दो – दो क्रमागत चरण सम तुकांत
211 211 2
पावन प्रीत जगी।
भावन रीत लगी।।
लाज तजी दृग की।
चाहन मीत लगी।।
नैनन नीर बहे।
पीर अधीर सहे।।
प्यार ख़ुमार चढ़ा।
नेह असीम बढ़ा।।
व्याकुल राह तके।
आकुल चाह थके।।
मोहन रास रचे।
ग्वालन नाच नचे।।
नीलम शर्मा ✍️