Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2023 · 1 min read

* तपन *

डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक- अरुण अतृप्त
तपन

मन खुश कहां है
बस एक बहाना हुआ है
जैसी मेरी जिंदगी
वैसी ही तोहरी स्थिति
सजन अब कौन
किसका यहां है
काम बस गुजारे
लायक हुआ है
तृप्त होकर व्योम
बेसुध सा पड़ा था
पांच दिन से भास्कर
भी थका हुआ था
रीति नीति भूलकर
अनीति से बहस में
हारा तिरस्कृत परित्याग
के दंश से अपमानित
गुस्सा जिसका अब
समग्र विश्व झेल रहा था।

Language: Hindi
213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
D
D
*प्रणय*
"भँडारे मेँ मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्रार्थना(हनुमान जी)
प्रार्थना(हनुमान जी)
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
कह रहा है वक़्त,तुम वफादार रहो
कह रहा है वक़्त,तुम वफादार रहो
gurudeenverma198
जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"साहस"
Dr. Kishan tandon kranti
नसीहत वो सत्य है, जिसे
नसीहत वो सत्य है, जिसे
Ranjeet kumar patre
इस जहां में देखा हमने हर चीज का तोड़ है,
इस जहां में देखा हमने हर चीज का तोड़ है,
Keshav kishor Kumar
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कौन हूँ मैं ?
कौन हूँ मैं ?
पूनम झा 'प्रथमा'
पिछले पन्ने भाग 1
पिछले पन्ने भाग 1
Paras Nath Jha
हर  तरफ  बेरोजगारी के  बहुत किस्से  मिले
हर तरफ बेरोजगारी के बहुत किस्से मिले
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
वो जो आपकी नज़र से गुज़री अभी नहीं है,,
वो जो आपकी नज़र से गुज़री अभी नहीं है,,
Shweta Soni
आसान होते संवाद मेरे,
आसान होते संवाद मेरे,
Swara Kumari arya
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
Kumar lalit
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
भागदौड़ भरी जिंदगी
भागदौड़ भरी जिंदगी
Bindesh kumar jha
मिटते ही इंसान के,
मिटते ही इंसान के,
sushil sarna
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
कवि रमेशराज
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
पंकज परिंदा
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
जिंदगी एक सफर सुहाना है
जिंदगी एक सफर सुहाना है
Suryakant Dwivedi
4107.💐 *पूर्णिका* 💐
4107.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
फसल
फसल
Bodhisatva kastooriya
46...22 22 22 22 22 22 2
46...22 22 22 22 22 22 2
sushil yadav
Loading...