Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2021 · 1 min read

तपती रेत सा प्यार

**** तपती रेत सा प्यार ****
************************

तपती हुई रेत सा होता है प्यार
फूलों से भी प्यारा होता है यार

लगता है सब कुछ बहुत प्यारा
जब हो जाती हैं दो आंखे चार

खट्टे मीठे भावों से ओत प्रोत
इंकार,इकरार तो कभी तकरार

आँखों में चढ़ी रहती है खुमारी
जब चढ़ जाता ज्वर रूपी प्यार

दिल का दिल से होता है रिश्ता
सुंदर लगता है यह सारा संसार

संयोग तो होता है बहुत रसीला
वियोग दे देता है दर्द अपरंपार

काँटो भरी होती रहती है चुभन
जब कभी जुदा होता कहीं यार

मनसीरत पंछी सी चाहे उड़ारी
स्वछंद सपने हो जाएं साकार
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Comment · 242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
अंगूठी
अंगूठी
seema sharma
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
जीवन मे दोस्ती ऐसे इंसान से करो जो आपको भी समय आने पर सहायता
रुपेश कुमार
"मशवरा"
Dr. Kishan tandon kranti
*जीवन का आधारभूत सच, जाना-पहचाना है (हिंदी गजल)*
*जीवन का आधारभूत सच, जाना-पहचाना है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सुनो जरा कविता कुछ कहती है
सुनो जरा कविता कुछ कहती है
श्रीकृष्ण शुक्ल
2782. *पूर्णिका*
2782. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अद्भुत है ये वेदना,
अद्भुत है ये वेदना,
sushil sarna
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
ये दुनिया भी हमें क्या ख़ूब जानती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
काश
काश
Sidhant Sharma
चलो आज खुद को आजमाते हैं
चलो आज खुद को आजमाते हैं
कवि दीपक बवेजा
छोड़ आया हूँ मैं अपना घर, अपनी गलियां, वो अपना शहर,
छोड़ आया हूँ मैं अपना घर, अपनी गलियां, वो अपना शहर,
Ravi Betulwala
मे कोई समस्या नहीं जिसका
मे कोई समस्या नहीं जिसका
Ranjeet kumar patre
नवरात्रि-गीत /
नवरात्रि-गीत /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
■ चहेतावादी चयनकर्ता।
■ चहेतावादी चयनकर्ता।
*प्रणय*
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Agarwal
मूर्ख बताने वालो
मूर्ख बताने वालो
Dr.Pratibha Prakash
चल बन्दे.....
चल बन्दे.....
Srishty Bansal
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
शीर्षक: स्वप्न में रोटी
शीर्षक: स्वप्न में रोटी
Kapil Kumar Gurjar
नजराना
नजराना
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मीर की  ग़ज़ल हूँ  मैं, गालिब की हूँ  बयार भी ,
मीर की ग़ज़ल हूँ मैं, गालिब की हूँ बयार भी ,
Neelofar Khan
हे निराकार दिव्य ज्योति
हे निराकार दिव्य ज्योति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
Seema Garg
My Love
My Love
Arghyadeep Chakraborty
ऐ मेरी जिंदगी
ऐ मेरी जिंदगी
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
Drd
Drd
Neeleshkumar Gupt
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
Loading...