तन की चाहत से ऊपर उठ कर
तन की चाहत से ऊपर उठ कर
कभी मन की खूबसूरती भी देखो
दिखावे के आवरण को उतार फेंको
कभी दिल की सच्चाई भी परखो
चित्रा बिष्ट
तन की चाहत से ऊपर उठ कर
कभी मन की खूबसूरती भी देखो
दिखावे के आवरण को उतार फेंको
कभी दिल की सच्चाई भी परखो
चित्रा बिष्ट